Sunday, January 30, 2022

चंद्रादियोग

चंद्राद्रीयोग 
चंद्र से सूर्य के अलावा अन्य कोई ग्रह चंद्र से द्वितीय स्थान पर हो तो सुनफा होता है ।
चंद्र से द्वादश स्थान पर सूर्य के अलावा अन्य कोई ग्रह हो तो अनफा योग होता हैl
 चंद्र से द्वितीय और द्वादश स्थान में सूर्य के अलावा अन्य कोई ग्रह हो तो दुरुधरायोग होता है।
चंद्र से द्वितीय और द्वादश स्थान में कोई भी ग्रह न हो तो एवं चंद्र से केंद्र में भी कोई भी ग्रह ना हो तथा चंद्र पर कोई ग्रह की दृष्टि ना होती हो तो केमद्रुम योग होता है।

सुनफा योग में पैदा होने वाला लक्ष्मीवान,अपने बल से धन कमाता है धार्मिक एवं सशस्त्र के का ज्ञाता यशस्वी * एवं शांत बुद्धिमान और उच्च पद पर कार्यरत रहता है। अनफा योग में पैदा होने वाला वक्ता प्रभावशाली धनवान निरोगी सुशील अन्य पुष्प वस्त्र और स्त्री अधिक से सुखी विख्यात गुणवान सुखी प्रसन्न एवं स्वरूपवान होता हैं।
दुरुधरा योग में पैदा होने वाला व्यक्ति वचन बुद्धि कर्म और गुणों से विख्यात होता है दानी कुटुंब में पोषण मे श्रम लेना होता है स्वतंत्र सुखी धनवान वाहन आदि का सुख वाला सब व्यवहार और कार्य में तल्लीन होता है।
केमद्रुम में पैदा होने वाला व्यक्ति राजवंश में भी पैदा हो फिर भी स्त्री अन्य ग्रहों वस्त्र और मित्र हीन होता है दायित्व दुख रोग दीनता से युक्त होता है मेहनत करने वाला किंतु दुष्ट और विरुद्ध व्यवहार करने वाला होता है।

सुल्फा योग यदि मंगल से होता है तो पराक्रमी धनवान कठोर वचन बोलने वाला उपग्रह हिंसक दंभी एवं विरोधी होता है।
सुनफायोग बुध से होता है तो वेद शास्त्र संगीत विद्या में निपुण धर्मात्मा कवि मनस्वी दूसरों के लिए हित करने वाला और सुंदर शरीर वाला होता है।
गुरु से सुनफा होता है तो जातक सर्व विद्या में पूर्ण विख्यात राज्य प्रिय कुटुंब धन और संपत्ति संपत्ति से युक्त होता है।
शुक्र से सुनफा योग हो तो जातक स्त्री धन वैभव एवं चतुष्पादा प्राणियों से युक्त गवर्नमेंट से सम्मानित धैर्यवान और पोषण होता है।
शनी से सुनफा योग हो तो जातक चतुर बुद्धिवान गांव नगर जनों से पूजित पैसे वाला कार्य संबंधित एवं धीर गंभीर होता है।
अनफा योग
 से अनफा योग हो तो जातक चोरों का सरदार दुष्ट सोमानी संग्राम को सर क्रोधी अग्रणी ईर्ष्या वाला सुंदर शरीर वाला और लाभ युक्त होता है।
बुध से अनफा योग हो तो नाच गान एवं लेखन में निपुण कवि भाषण में होशियार राजा से सम्मानित सुंदर एवं प्रसिद्ध काl।
दुरु धर योग
मंगल बुध से दूरुधरा योग हो तो जातक खेती करने वाला धनिक कार्य कुशल लोभी विरुद्ध एवं निम्न स्त्री का प्रेमी और अपने कुल में अग्रणी होता है।
मंगल और गुरु से युक्त अनुदान आयोग हो तो अपने न्याति में विख्यात धनिक अनेक लोगों से पैर रखने वाला क्रोधी आनंदी और धन संग्रह करने वाला होता है।
यदि मंगल और शुक्र से दूर उतरा योग होता है तो सुंदर स्त्री वाला स्वरूप वाद-विवाद ई पवित्र कार्य को सर व्यायाम के शौकीन और शूरवीर होता है।
यदि मंगल और शनि से युक्त दूर उधर आयोग हो तो जातक निम्न कक्षा की व्यक्ति से प्रेम संबंध रखने वाला अधिक धन संचय करने वाला व्यवसाय क्रोधी और शत्रुओं को विजय करने वाला होता है।
बुध और गुरु से दूर उतरा योग हो तो जातक धर्मात्मा शास्त्र का ज्ञाता वक्ता कवि धनिक और विख्यात होता है।
बुध और शुक्र के बीच चंद्रमा हो तो मधुर वक्ता 100 भाग्यवान स्वरूप का नृत्य और गायन का शौकीन नौकर चाकर से युक्त और अच्छे स्थान पर कार्यरत होता है।
बुध और शनि से दूर उधर आयोग हो तो जातक थोड़ी विद्या से देश विदेश घूम कर पैसा कमाने वाला अन्य से पूजित और अपने लोगों से युक्त होता है।
यदि गुरु शुक्र से इधर-उधर आयोग हो तो जातक धीर मेघावी पराक्रमी नीति के ज्ञाता स्वर्ण रत्नों से युक्त और विख्यात राज्य कर्मचारी होता है।
 कार्य दक्ष श्रेष्ठ शांत और तनिक होता है। शुक्र और शनि से गुरुद्वारा योग हो तो जातक विरुद्ध समान देखने वाला क्रिया वांट अपने कुल में उत्तम निपुण एवं स्त्री वर्ग में प्रिय द नियुक्त और राजकीय सम्मान प्राप्त करता है।

सूर्य से चंद्र केंद्र में हो तो धन बुद्धि निपुणता होती है किंतु विद्या और विनय अल्प होते हैं यदि पल भर में सूर्य चंद्र का संबंध होता हो तो वह मध्यम होता है और आप ओके में सूर्य चंद्र का संबंध उत्तम कहता है।

रात को जन्म हो चंद्रसेन हो या अदृश्य हो या सतीश के नीचे हो या उत्पाद सहित हो तो मध्यम फल देता है पूर्णचंद्र उसे विपरीत शुभ फल देता है।
लग्न से सुबह करो 50 स्थान यानी 36 1011 में हो तो धनवान दो सुबग्रुप्स से ऊपर चाय स्थान में हो तो मध्यम धनवान और एक अक्रू 50 स्थान में हो तो अलवर मान जाना चाहिए यही प्रकार से चंद्र का भी ख्याल करना चाहिए।

No comments:

Post a Comment